राष्ट्रपति और राज्यपाल में अंतर –
राष्ट्रपति भारत का राज्य प्रमुख होता है , वह भारत का प्रथम नागरिक है और राष्ट्र कि एकता अखंडता एवं सुदृढ़ता का प्रतीक है।
राज्यपाल राज्य का कार्यकारी प्रमुख होता है, राज्यपाल केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में भी कार्य करता है।
राष्ट्रपति और राज्यपाल के निर्वाचन में अंतर :
राष्ट्रपति का निर्वाचन : राष्ट्रपति का निर्वाचन जनता प्रत्यक्ष रूप से नहीं करती बल्कि एक निर्वाचन मंडल के सदस्यों द्वारा उसका निर्वाचन किया जाता है।
राज्यपाल का निर्वाचन : राज्यपाल न तो जनता द्वारा प्रत्यक्ष और ना ही किसी निर्वाचन मंडल के द्वारा चुना जाता है।
राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति केंद्र सरकार की सलाह पर करता है।
राष्ट्रपति और राज्यपाल की योग्यता में अंतर :
राष्ट्रपति पद की योग्यता : वह भारत का नागरिक हो, वह 35 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका हो,
वह लोकसभा का सदस्य निर्वाचित होने के लिए योग्य हो।
राज्यपाल पद की योग्यता : वह भारत का नागरिक होना चाहिए, वह 35 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका हो,
वह उस राज्य से संबंधित ना है जहां उसे नियुक्त किया गया है।
राष्ट्रपति और राज्यपाल के पद लिए शर्तें :
राष्ट्रपति पद के लिए शर्त : वह संसद के किसी भी सदन अथवा राज्य विधायिका का सदस्य नहीं होना चाहिए,
वह कोई अन्य लाभ का पद धारण नहीं करता हो।
राज्यपाल पद के लिए शर्त : वह संसद और विधान मंडल का सदस्य ना हो, वह किसी अन्य लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए।
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राष्ट्रपति और राज्यपाल के कार्यकाल में अंतर :
राष्ट्रपति का कार्यकाल : राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष तक होता है , राष्ट्रपति को उसके पद से केवल महाभियोग द्वारा हटाया जा सकता है।
राज्यपाल का कार्यकाल : राज्यपाल का कार्यकाल 5 वर्ष तक होता है, राष्ट्रपति राज्यपाल को हटा सकता है या दूसरे राज्य में स्थानांतरित कर सकता है।
राष्ट्रपति और राज्यपाल के वेतन में अंतर :
राष्ट्रपति : राष्ट्रपति का वेतन संसद द्वारा निर्धारित होता है, राष्ट्रपति का वेतन वर्तमान में 1.5 लाख रुपए प्रतिमाह है।
राज्यपाल : राज्यपाल का वेतन भी संसद द्वारा समय-समय पर निर्धारित किया जाता है, राज्यपाल का वर्तमान में वेतन ₹110000 प्रतिमाह है।
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शपथ में अंतर :
राष्ट्रपति : राष्ट्रपति को शपथ सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा दिलाई जाती है ,
अगर सुप्रीम कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश मौजूद नहीं है तो जो भी सुप्रीम कोर्ट का सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश है वह राष्ट्रपति को शपथ दिलाता है।
राज्यपाल : राज्यपाल को उस राज्य के (जहां उसकी नियुक्ति हुई है) हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा शपथ दिलाई जाती है
यदि हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश मौजूद न हो तो हाई कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश द्वारा शपथ दिलाई जाती है।
राष्ट्रपति और राज्यपाल की शक्तियों में अंतर :
राष्ट्रपति : राष्ट्रपति के पास – कार्यकारी शक्तियां, विधायिका शक्तियां, वित्तीय शक्तियां, न्यायिक शक्तियां, कूटनीतिक शक्तियां, सैन्य शक्तियां, आपातकालीन शक्तियां।
राज्यपाल : राज्यपाल के पास कार्यकारी शक्तियां, विधायिका शक्तियां, वित्तीय शक्तियां और न्यायिक शक्तियां प्राप्त होती है।
परंतु राज्यपाल के पास कूटनीतिक, सैन्य और आपातकालीन शक्तियां नहीं होती है।
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क्षमादान शक्तियों में अंतर :
राष्ट्रपति : राष्ट्रपति केंद्रीय विधि के विरुद्ध किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए गए किसी व्यक्ति के दंड को क्षमा कर सकता है
और उसकी सजा ए मौत को क्षमा या स्थगित कर सकता है।
राज्यपाल : राज्यपाल भी किसी अपराध के लिए व्यक्ति की सजा कम कर सकता है या दंड को स्थगित करता सकता है
परंतु वह किसी को मृत्युदंड की सजा के लिए माफ नहीं कर सकता .
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