जल संरक्षण पर निबंध | जल संरक्षण के 10 तरीके | जल संरक्षणजल संरक्षण पर निबंध | जल संरक्षण के 10 तरीके | जल संरक्षण. PHOTOS FROM GOOGLE

Save water essay in Hindi :

जल संरक्षण पर निबंध – जल एक बहुत ही महत्वपूर्ण संसाधन हैं, जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती,

इसलिए यह कहा जाता है कि “जल ही जीवन है” और “जल है तो कल है “

लेकिन वर्तमान में इस जीवन देने वाले संसाधन पर संकट मंडराने लगा है,

वैसे तो पृथ्वी पर तीन चौधाई जल है लेकिन इसमें से लगभग 97 प्रतिशत लवणीय (खारा) जल हैं, जो मनुष्य के पीने योग्य नहीं है।

बाकि बचा 3 प्रतिशत जल ही अलवणीय जल है , इसमें से 2 प्रतिशत जल बर्फ के पहाड़ों के रूप में मौजूद है ।

लगभग 0.68 प्रतिशत जल भूमिगत जल के रूप में मौजूद है।
शेष जल नदी, झीलों, तालाबो आदि के रूप में मौजूद है।

जल संकट से जूझता मानव :

( जल संरक्षण पर निबंध )-

अब आप जान चुके है कि मुनष्य उपयोग हेतु कितना कम जल पृथ्वी पर मौजूद है।

इसलिए करोडो लोग पृथ्वी पर जल की कमी का सामना कर रहे है।

मानव की लगातार बढ़ती आबादी से जल की मांग बहुत बढ़ गई है लेकिन उपलब्धता में कमी आई है,
भारत के सन्दर्भ में देखें तो भारत में विश्व के कुल जल का 4 प्रतिशत पाया जाता है,

और आबादी विश्व की कुल आबादी का 16 प्रतिशत है

जल की अधिकाश खपत कृषि में होती है, कृषि (खेती) में भूमि जल का 92 प्रतिशत हिस्सा जाता है

और धरातल पर मौजूद जल का 89 प्रतिशत कृषि में उपयोग होता है।

बढ़ती आबादी और कृषि में जल का अधिक उपयोग से जल की कमी का सामना अब लोगों को करना पड़ रहा है।

भूमि जल का स्तर भी लगातार नीचे गिरता जा रहा है जो बहुत ही चिंता का विषय है।
शहरों में जो लोगों को जल उपलब्ध कराया जाता है वह भी प्रदूषित होता है,

ग्रामीण इलाके के अधिकाश लोग भी भारत में प्रदूषित जल का ही उपयोग कर रहे है।

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जल संकट से बचना है और भविष्य में इस संकट को गहरा होने -से रोकना है,

तो भारत सरकार और भारतीय लोगों को अभी से जल संरक्षण पर काम करना होगा, तभी जल संकट की समस्या को सुलझाया जा सकता है।

( जल संरक्षण पर निबंध ) –

जल संरक्षण क्या है :

पृथ्वी पर मौजूद अलवणीय जल को कम होने से रोकना, जल की उपलब्ध मात्रा का सदउपयोग करना,

और जल का भंडार बढ़ाना यही जल संरक्षण कहलाता है।

आसान शब्दों में – जल को बचाना व उसके भंडार को बढ़ाना ही जल संरक्षण है।

जल संरक्षण के प्रकार :

जल संरक्षण के मुख्य रूप से दो प्रकार है

पहला तो जो जल मौजूद है उसी का सदुउपयोग किया जाए,

उसको ध्यान से इस्तेमाल करे उसको बर्बाद न करें। (जल की बचत करना)

दूसरा यह है कि जल के भंडार को बढ़ाया जाए,

नदियों, तालाबो, भूमिगत जल सभी प्रकार के भंडार को भरें और जल की मात्रा को अधिकतम स्तर तक ले जाएं। ( जल का भंडार बढ़ाना)

जल संरक्षण के 10 तरीके :

1 . वन और पेड़-पौधे लगाकर – पेड़ो की संख्या को अत्यधिक मात्रा मे लगाकर हम जल संरक्षण कर सकते हैं,

क्योंकि पेड़ अपने आस-पास की मिट्टी के पानी को सोखकर अपनी गहरी जड़ो के माध्यम से जमीन के नीचे भेज देता है।

2 .वर्षा जल संरक्षण – इसमें वर्षों के जल को संरक्षित किया जाता है फिर उसको उपयोग में लाया जाता है।

वर्षा जल को भौम जल रिचार्ज के लिए भी उपयोग किया जाता है
वर्षा का जल साफ व स्वच्छ होता है कई तरीको से इसे संरक्षित किया जाता है।
जैसे – तालाब बनाकर, छतों से सीधा जमीन के नीचे भेजना, कुओं के जरिए आदि।

3 . रैन वाटर हार्वेस्टिंग – सरकारी संस्थाओं के बिल्डिंगों पर रैन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य किया जा सकता है,

रैन वाटर हार्वेस्टिंग के जरिए बारिश के पानी को छतों से सीधा जमीन में भेजा जा सकता है। 

अगर सरकार खुद यह पहल नहीं करेगी तो लोग भी इसे गंभीर नहीं लेंगे।

4 . तालाबों का निर्माण कराकर – अधिकतर गावो में तालाब होते हैं, लेकिन भारत मे और तालाबों के निर्माण की आवश्यकता है.

खाली भूमि व वनो भूमि में जगह जगह तालाबों का निर्माण कराना चाहिए, तालाबो के माध्यम से भूमि जल रिचार्ज होगा।

5 . नदी के पानी को समुद्र में गिरने से रोककर – नदियों मे बारिश का पानी और बर्फ के पिघलने से आने वाला पानी होता है,

भारत की कुछ नदियाँ साल भर पानी से लबालब भरी रहती है उनके पानी को समुद्र में गिरने से रोकना चाहिए,

उसमे से जितने ज्यादा पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है उतना करना चाहिए।

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जल संरक्षण के 5 तरीके :

6 . कृत्रिम झीले बनाकर – भारत की बड़ी बड़ी नदियों से नहर निकालकर उनसे उचित दूरी पर झीलों का निर्माण कराया जा सकता है।

बाढ़ की परिस्थिति और वर्षा के दौरान नदियों से अतिरिक्त पानी को झीलों में भेज देना चाहिए इससे भोम जल (भूमि) जल रिचार्ज होगा।

7 . नदी जोड़ो परियोजना – राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना जो आजादी बाद से अभी तक नहीं पूरी हो सकी है

उसे साकार रूप देना चाहिए। इसमें सभी नदियों को आपस में जोड़ दिया जायेगा

नदियों के पानी को एक नदी से दूसरी नदी में भेजा जा सकता है।

सूखाग्रस्त इलाके वाली नदियों के लिए यह वरदान साबित होगा।

8 . सिचाई तकनीक बदलकर – भारत कृषि प्रधान देश है, जल का सर्वाधिक उपयोग कृषि में ही हो रहा है।

भारत को अपने किसाने से सिचाई तकनीक में परिवर्तन कराना होगा और छिड़काव , फ्वारे , ड्राप, जैसी सिचाई तकनीक को अपनाने के लिए प्रेरित करना होगा ।

9 . पानी की बर्बादी रोककर – हम बहुत सारा जल बच सकते हैं,

घरेलू उपयोग में हम बहुत सारा पानी व्यर्थ ही नष्ट कर देते है हमें उसका सदुपयोग करना चाहिए।

( जल संरक्षण पर निबंध ) –

पानी की बर्बादी के कई कारण है –

नल खुली छोड़ देना जिससे बाल्टी। टब भर जाता है और पानी बहता रहता है। पानी की टंकी का जल ओवर फ्लो हो जाता है ।

कार व बाइक को पाइप चलाकर धोना, इसकी जगह बाल्टी में पानी करके कपड़े से साफ किया जा सकता है।

बर्तन, कपडे, नहाने आदि में जरूरत से ज्यादा पानी का इस्तेमाल करना ।

R.O के फिल्टर पानी के बाद R.0 जिस पानी को बाहर भेजता है उस पानी का भी इस्तेमाल करना चाहिए।

10 . बांध बनाना – इससे जल को रोका जा सकता है और वहां से सिचाई, झीले, तालाबों के लिए भेजा जा सकता है।

11 . सीवज संशोधन सिस्टम – इससे भी करोडो लीटर पानी बचाया जा सकता है

इससे निकले पानी का उपयोग खेती, सड़क साफ करने, छिड़काव आदि में किया जा सकता है।

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जल संरक्षण के लाभ :

जल संरक्षण के बहुत सारे लाभ है।

1 . जल की मात्रा भरपूर होगी तो लोगों को पीने के साथ-साथ घरेलू उपयोग के लिए भी जल भरपूर मिलेगा।

2 . कृषि के लिए भविष्य में जल की कमी नहीं होगी इससे खाद्य संकट भी नहीं आयेगा।

3 . सूखा नही पडेगा यदि जल भरपूर मात्रा में होगा तो सूखा पड़ने वाली जगहों पर भी जल की स्पलाई सुनिश्चित की जा सकेगी

4 . जल संरक्षण करने से भविष्य में हमारी आने वाली पीटीपो के लिए जल की कभी नही होगी।

5 . जल संरक्षण से हरियाली बढ़ेगी, क्योंकि जल ज्यादा होगा जमीन में तो पेड़-पौधे जल्दी ग्रोथ करेंगे वन क्षेत्र भी तेजी से बढ़ेगा।

6 . स्वच्छ जल भी ज्यादा मिलेगा क्योंकि जब जल ज्यादा होगा तो उसे फिल्टर करके भी इस्तेमाल कर सकेंगे,

क्योकि फिल्टर करने मे ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है।

( जल संरक्षण पर निबंध ) –

जल संरक्षण से हानि :

हानि तो जल संरक्षण से कुछ खास नहीं होगी, लेकिन कुछ हानियाँ हो सकती है

जैसे – ज्यादा जल से बाढ़ आने का खतरा बढ जाता है।

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मिट्टी में नमी बढ़ जायेगी अत्यधिक नमी भी अच्छी नही होती है।

लेकिन ये हानि जल संरक्षण के लाभ के सामने कुछ भी नहीं है।
लाभ बहुत ज्यादा है और उससे भी ज्यादा जरूरी है जल संरक्षण की आवश्यकता वक्त की मांग है

इसलिए भारत की सरकार व भारत के लोगों को जहाँ पर जो भी जिस तरीके से जल संरक्षण कर सकता है उसे करना चाहिए।

( जल संरक्षण पर निबंध ) –

जल संरक्षण क्यो आवश्यक है :

WATER जल संरक्षण बहुत आवश्यक है, क्योंकि अगर हमने जल का संरक्षण नहीं किया तो भविष्य में हमें और हमारी आने वाली पीढीयो को भयंकर जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।

कुछ शहरों और जिलो में तो हालात अभी से बहुत बदतर बने हुए है।

जल के बिना जीवन, हरियाली, आदि किसी की भी कल्पना नही की जा सकती है।

इसलिए जल संरक्षण अति आवश्यक है। जल संरक्षण के बहुत सारे लाभ भी है।

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