चाणक्य के विशेष गुण | चाणक्य की मृत्यु कैसे हुईचाणक्य के विशेष गुण | चाणक्य की मृत्यु कैसे हुई

चाणक्य के विशेष गुण – चाणक्य को भारत के एक महान राजनितिज्ञ और अर्थशास्त्री के रूप में जाना जाता है।

चाणक्य के पिता का नाम चणक मुनि था जो एक महान शिक्षक थे।

(विष्णुगुप्त) चाणक्य को विष्णुगुप्त, वात्स्यायन, मल्लनाग, पक्षिलस्वामी, अंगल, द्रमिल और कौटिल्य भी कहा जाता है।

चाणक्य मे कई सारे गुण बचपन से ही विद्यमान थे वह अपने समय के बच्चो से थोडे भिन्न थे।

जन्म के समय ही चाणक्य के मुँह मे पूरे दाँत थे। यह राजा बनने की एक निशानी थी लेकिन उसका जन्म ब्राहमण
परिवार मे हुआ था, इसलिए यह बात सच नही हो सकती थी।

चाणक्य मे जन्मजात नेतृत्वकर्ता के गुण मौजूद थे, वे अपने हम उम्र के साथियों मे सबसे अधिक बुद्धिमान और तार्किक थे

(विष्णुगुप्त) चाणक्य कड़वा सत्य बोलने से भी पीछे नही हटते थे-

उनके कड़वा सत्य बोलने के कारण पाटिलपुत्र के राजा घनानंद ने उन्हें अपने दरबार से बाहर निकाल दिया था।

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चाणक्य के विशेष 5 गुण :

चाणक्य बचपन से ही तार्किक बुद्धि वाले थे।

(विष्णुगुप्त) चाणक्य ने अपनी कम उम्र मे ही वेदों का अध्ययन कर लिया था।

चाणक्य ने अल्प आयु मे ही आर्थिक और हिंदू शास्त्रो का अध्ययन कर लिया था।

इतना अध्ययन करने की वजह से चाणक्य और ज्ञानवान हो गए, उन्होंने राजनिति की बारिकियों को अच्छे से समझ लिया।

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चाणक्य की मृत्यु कैसे हुई :

घनानंद को मारने और गद्दी से उतारने के लिए चाणक्य ने चन्द्रगुप्त को चुना, क्योंकि उसमे जन्म से ही राजा बनने के सभी गुण मौजूद थे।

चंद्रगुप्त के कई दुश्मन थे जिनमे राजा नंद भी शामिल था उसने कई बार उसे विष देकर मारने की कोशिश की।

अत: चंद्रगुप्त की विष प्रतिरोधक छमता बढाने के लिए

चाणक्य ने उसे भोजन मे थोडा-थोडा विष मिलाकर देना आरंभ कर दिया।

चन्द्रगुप्त को यह बात मालूम नही थी, एक दिन चन्द्रगुप्त अपनी पत्नी के साथ भोजन कर रहा था

उसने अपने भोजन मे से अपनी पत्नी को भोजन खिला दिया जिससे उसकी मृत्यु हो गई,

उसकी पत्नी गर्भवती थी उसके पेट मे जो बच्चा था उसे चाणक्य ने पेट चीरकर बाहर निकाल लिया था।

वह शिशु बड़ा होकर एक योग्य सम्राट बिंदुसार बना , इसी बिंदुसार का एक मंत्री था सुबंधु जो चाणक्य को पसंद नहीं करता था।

सुबंधु ने बिंदुसार को धीरे-धीरे भडकाना शुरू कर दिया कि चाणक्य ने ही बिंदुसार की माता की विष देकर हत्या की है।

बिंदुसार और चाणक्य के बीच थोडी कडवाहट आयी लेकिन जल्द ही बिंदुसार को सत्य का पता लग गया और उसने चाणक्य से क्षमा मांगी।

उसने सुबंधु से भी कहा कि जाकर चाणक्य से क्षमा माँगे। सुबंधु बडा कुटिल व्यक्ति था,

चाणक्य से क्षमा माँगने का बहाना करते हुए उसने धोखे से उनकी हत्या कर दी।

इस प्रकार, राजनितिक षडयन्त्र के कारण एक महान व्यक्ति के जीवन का अंत हो गया.

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