U.P POPULATION ACT 2021 :
उत्तर प्रदेश जनसंख्या नियंत्रण कानून 2021 – भारत दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है
इसका कारण है भारत में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कोई भी कानून सरकार ने नहीं बनाया हुआ है ,
भारत की जनसंख्या वर्तमान में 130 करोड़ से अधिक हो गई है
भारत के संविधान में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने के लिए राज्यों की सरकार को अधिकार दिए गए हैं
जिसके तहत कई राज्यों ने अपने यहां जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाए है जैसे – मध्य प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना आदि
अब इन राज्यों की सूची में एक और राज्य का नाम जुड़ने जा रहा है।
यह राज्य भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है
विश्व जनसंख्या दिवस/ world population day के दिन 10 जुलाई 2021 को उत्तर प्रदेश सरकार ने “उत्तर प्रदेश जनसंख्या रोकथाम बिल” का प्रारूप पेश किया है
उत्तर प्रदेश की आबादी :
UTTAR PARDESH जनसंख्या के लिहाज से भारत का सबसे बड़ा राज्य है
उत्तर प्रदेश की जनसंख्या 2011 में लगभग 20 करोड़ थी , जो अब बढ़कर 25 करोड़ के आसपास हो गई है।
इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश को अपनी जनसंख्या नियंत्रण करने की सख्त जरूरत है इसीलिए उत्तर प्रदेश की सरकार यह बिल लेकर आई है।
UTTAR PARDESH TOTAL DETAILS । Uttar Pradesh area, district, population
उत्तर प्रदेश जनसंख्या नियंत्रण बिल के महत्वपूर्ण प्रावधान :
1 . नई जनसंख्या नीति के अनुसार केवल एक बच्चा करने पर 20 साल तक मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाएगी।
2 . दो से अधिक बच्चे पैदा करने पर आपको सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी ,
यदि आप पहले से सरकारी नौकरी कर रहे हैं तो आपको प्रमोशन नहीं दिया जाएगा
3 . परिवार में 4 से अधिक सदस्य होने पर राशन कार्ड का लाभ नहीं मिलेगा।
4 . इसके अलावा 2 से अधिक बच्चे करने पर किसी भी सरकारी लाभकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
5 . दो से अधिक बच्चे वाले माता-पिता को पंचायती और नगर निगम के चुनाव लड़ने से रोक दिया जाएगा
Note : इस बिल में यह छूट दी गई है कि यदि दूसरे बच्चे के जन्म के दौरान जुड़वा बच्चे होते हैं तो आपके ऊपर यह कानून लागू नहीं होगा।
और यदि आपके दूसरे बच्चे की मृत्यु हो जाती है और आप एक और बच्चे को जन्म देते है तो भी आपके ऊपर यह कानून लागू नही होगा।
उत्तर प्रदेश जनसंख्या नियंत्रण कानून के फायदे और नुकसान :
उत्तर प्रदेश जनसंख्या नियंत्रण कानून के फायदे –
हमारे पास संसाधन सीमित है पानी, जमीन, जंगल सब सीमित मात्रा में है, अगर हम ऐसे ही जनसंख्या को बढ़ने देंगे तो संसाधन कम पड़ जाएंगे
लोगों को छोटे-छोटे घरों, और खेतो में रहना पड़ेगा , लोगों को पानी की कमी का सामना करना पड़ेगा।
यदि हम समय रहते जनसंख्या को नियंत्रित कर लेते हैं तो लोग एक अच्छा जीवन मिल पाएगा।
जनसंख्या अगर नियंत्रण में रहेगी तो लोगो को रोजगार उपलब्ध कराना आसान हो जाएगा।
कम जनसंख्या होने पर अपराध भी घट जाएगा।
हम लोगो को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा सकते है।
नए बच्चे कम पैदा होंगे तो अच्छी शिक्षा भी बच्चों को आसानी से मिल सकेगी।
यह भी पढ़े – जनसंख्या नियंत्रण पर निबंध | जनसंख्या नियंत्रण के फायदे
उत्तर प्रदेश जनसंख्या नियंत्रण कानून के नुकसान ( कमियां ) –
उत्तर प्रदेश सरकार ने बिल में कहा है कि जिसके दो बच्चों से ज्यादा होंगे वह पंचायत और नगर निगम चुनाव नहीं लड़ सकता है
इसका सबसे बड़ा नुकसान SC – ST ,मुस्लिम और ओबीसी को होगा क्योंकि इन वर्गों के लोगो की प्रजनन दर 2 से ज्यादा है।
चुनाव लडने से रोक लगाने पर पंचायत चुनावों में इनका प्रतिनिधित्व कम हो जाएगा।
राज्य के बहुत सारे अच्छे लोग भी चुनाव लडने से वंचित रह सकते है।
कुपोषण और भुखमरी को बढ़ावा देगा :
नए बिल में सरकार ने कहा है कि 2 बच्चों से ज्यादा होने पर राशन कार्ड और बाकी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा।
दो से ज्यादा बच्चों को अधिकतर गरीब लोग ही जन्म देते है,
अगर सरकार 3 बच्चे होने पर मुफ्त में राशन देना बंद कर देगी तो गरीब परिवारों पर संकट और बढ़ जायेगा,
उन्हे भुखमरी और कुपोषण का सामना करना पड़ेगा।
आर्थिक असमानता को बढ़ावा देगा :
सरकार कह रही है की एक बच्चा करने पर 20 साल तक मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाएगी।
इसका मतलब यह भी है की सरकार दो बच्चो के लिए मुफ्त इलाज की सुविधा नही देगी,
इससे तो गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार को बहुत आर्थिक नुकसान होगा
क्योंकि अभी तो वो मुफ्त में इलाज करवा पाते है लेकिन फिर तो उनको इलाज के लिए पैसे खर्च करने होंगे।
इससे गरीब और गरीब होगा और अमीर लोग और अमीर होंगे।
नीति निदेशक तत्व के खिलाफ है :
संविधान में राज्य के नीति निदेशक तत्व लिखे गए है और कहा गया है की राज्य कोई भी कानून बनाते समय इनका ध्यान रखेगा।
पोषाहार देना और लोक स्वास्थ्य उपलब्ध कराना अनुच्छेद 47 के नीति निदेशक तत्व है जिनका इस कानून में ध्यान नही रखा गया है,
राज्य सरकार का दायित्व है की वह सभी लोगो को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराएं।
बच्चियों की मृत्यु दर बढ़ सकती है :
इस कानून से बच्चियों की मृत्यु दर बढ़ सकती है क्योंकि लोगों की लड़के की इच्छा ज्यादा होती है
और यदि शुरुआती दो बच्चों में लड़का नहीं हुआ तो शायद परिवार लड़के की इच्छा में दूसरी बच्ची को मार दे या कही छोड़ दे।
राज्य में पहले से ही लड़कियों की संख्या कम है ,अगर ऐसा होता है तो यह बहुत ही चिंताजनक होगा
क्योंकि इसकी वजह से राज्य में लडको के मुकाबले लड़कियों का अनुपात और कम हो सकता है
धार्मिक भावनाओं को आहत करता है :
भारत में अधिकतर लोग किसी न किसी धर्म को मानते हैं और लगभग सभी धर्मो में लड़के का बहुत महत्व है
अगर लड़का शुरुआती 2 बच्चों में नहीं हुआ तो बहुत सारे लोग धार्मिक भावना कारण भी तीसरा बच्चा करने के लिए मजबूर हो सकते हैं,
जिसका नुकसान उन्हें सरकारी योजनाओं से वंचित रहकर उठाना पड़ेगा।
बिल में सुधार :
1 . सरकार को चाहिए कि वह 2 बच्चे पैदा करने वाले परिवार को प्रोत्साहित करें,
इसके लिए सरकार एक नहीं दो बच्चों को मुफ्त इलाज का प्रावधान करना चाहिए
2 . सरकार दो बच्चों से ज्यादा होने पर सब्सिडी को बंद करने की जगह यह प्रावधान कर सकते हैं कि एक राशन कार्ड पर सिर्फ चार लोग राशन मिलेगा
यानी परिवार के 5 वें सदस्य का खर्च परिवार खुद से वहन करेगा सरकार उसके लिए कोई राशन नहीं देगी।
3 . उत्तर प्रदेश सरकार बिल में यह प्रावधान भी कर सकती है कि एक लड़का होने पर यह कानून लागू होगा
यानी किसी को दो लड़कियां हैं तो वह तीसरा बच्चा कर सकता है इससे राज्य में लड़कियों की संख्या बढ़ेगी जो अभी कम है,
2011 के आंकड़ों के अनुसार 1000 लड़कों पर 908 लड़कियां हैं लगभग 10 % लड़कियां कम है
उनकी संख्या बराबर होने तक सरकार ऐसा कर सकती है।
इससे लोग लड़कियों को ज्यादा अपनाएंगे और उनकी धार्मिक भावना भी आहत होने से बच जायेगी।
जनसंख्या नियंत्रण के आसान उपाय :
1 . गरीब लोग ज्यादा बच्चे इसलिए भी पैदा करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि किसी बीमारी की वजह से यदि एक दो बच्चे मर भी गए तो बाकी के बच्चे उनके बुढ़ापे का सहारा बनेंगे
इसलिए सरकार को चाहिए कि उन्हें अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराएं,
जिससे उन्हें भरोसा हो कि एक दो बच्चे काफी है इलाज के अभाव में उनके बच्चों की मौत नहीं होगी।
2 . ज्यादा जनसंख्या बढ़ने का एक कारण शिक्षा की कमी भी है,
सरकार को शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए, शिक्षा देने से न सिर्फ जनसंख्या नियंत्रण में आएगी
बल्कि जो जनसंख्या राज्य में रहेगी उसके पास स्किल भी होगी और वह सरकार पर एक बोझ नहीं होगी
वह देश के विकास और राज्य के विकास में अपना योगदान भी दे सकती है.
3 . गरीब लोगों के ज्यादा बच्चे इसलिए भी होते हैं क्योंकि वह रोकथाम के उपायों का ज्यादा उपयोग नहीं कर पाते,
ऐसा उनकी आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण भी हो सकता है
इसलिए सरकार को चाहिए कि वह ऐसी चीजों और दवाईयों को सस्ता करें जिनसे प्रेगनेंसी को रोका जा सके।
सरकार को चाहिए की वह इन उपायों की तरफ भी ध्यान दे।
निष्कर्ष :
राज्य की जनसंख्या को नियंत्रण करना बहुत आवश्यक है, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार का जो बिल है इसमें कई कमियां है
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में एक औरत की औसत प्रजनन दर 2.7% है और आदर्श प्रजनन दर 2.1 है ज्यादा अंतर नहीं है.
वास्तविकता तो यह है कि जनसंख्या नियंत्रण कानून कम से कम 10 से 15 साल पहले आना चाहिए था,
अब जो जनसंख्या बढ़ने थी वह तो बढ़ चुकी है।
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