आतंकवाद पर निबंध हिंदी में :
आतंकवाद पर निबंध की प्रस्तावना –
TERRERISIOM/आतंकवाद आज केवल कुछ देशों की समस्या नहीं बल्कि सभी महाद्वीपों के देशों की समस्याएं बन चुका है,
सभी महाद्वीपों के देश किसी ना किसी समय आतंकवाद का शिकार हुए है चाहे वह अमेरिका, एशिया, यूरोप कोई भी महाद्वीप रहा हो।
आतंवाद क्या है :
हिंसा के द्वारा जनमानस में भय और आतंक पैदा करके अपने उद्देश्यों को पूरा करना ही आतंकवाद है।
यह उद्देश्य राजनीतिक, धार्मिक, आर्थिक ही नहीं सामाजिक भी हो सकते हैं।
आतंकवाद के प्रकार :
वैसे तो आतंकवाद के कई प्रकार है किंतु इनमे से तीन ऐसे है, जिनसे पूरी दुनिया त्रस्त है
ये है – राजनीतिक आतंकवाद , धार्मिक आतंकवाद , सामाजिक आतंकवाद।
श्रीलंका में लिट्टे समर्थको और अफगानिस्तान में तालिबान संगठनों की गतिविधियां राजनीतिक आतंकवाद के उदाहरण है।
भारत में जम्मू कश्मीर और असम में अलगाववादी गुटो द्वारा किए गए आपराधिक कृत्य भी राजनीतिक आतंकवाद के ही उदाहरण है।
अल कायदा, लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद , जैसे संगठन धार्मिक कट्टरता की भावना से अपराधिक कृत्यों को अंजाम देते है,
अतः ऐसी आतंकवाद को धार्मिक आतंकवाद की श्रेणी में रखा जाता है।
अपनी सामाजिक स्थिति और अन्य कारणो से उत्पन्न सामाजिक क्रांतिकारी विद्रोह को सामाजिक या गैर राजनीतिक आतंकवाद की श्रेणी में रखा जाता है, भारत में नक्सलवाद इसका उदाहरण है।
आतंकवाद के कारण :
वैसे तो आतंकवाद के प्रमुख कारण राजनीतिक स्वार्थ सत्ता और धार्मिक कट्टरता है
किंतु नक्सलवाद जैसे विद्रोही सामाजिक कारण भी है, जिसमें बेरोजगारी एवं गरीबी प्रमुख रोल निभाती है।
विश्व के अधिकतर आतंकवादी संगठन युवा की गरीबी और बेरोजगारी का लाभ उठा कर ही इन्हे आतंकवाद के अंधकार में ले जाते हैं।
धार्मिक कट्टरता आतंकवाद को उन लोगों का समर्थन मिलता है जो अपने धर्म का वर्चस्व चाहते हैं,
इन लोगों के समर्थन के कारण आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है
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भारत में आतंकवाद :
भारत दुनिया भर के आतंकवाद से स्वार्धिक त्रस्त देशों में से एक है
पिछले कुछ दशकों से भारत में आतंकी घटनाओं की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई है
BHARAT में आतंकवाद से स्वार्धिक त्रस्त जम्मू कश्मीर राज्य है।
जम्मू कश्मीर में सवतंत्रता प्राप्ति के साथ ही आतंकवाद आरंभ हो गया था
जिसको पाकिस्तान का हमेशा समर्थन मिलता रहा है किंतु वर्ष 1986 के बाद से इसने गंभीर रूप धारण कर लिया है
अब भारत के लिए यह स्वार्धिक महत्वपूर्ण समस्या बन चुका हे जिसके निवारण के लिए सरकार को उचित कदम उठाने चाहिए।
भारत में हुए आतंकी हमले :
भारत सबसे ज्यादा आतंकी हमला शिकार बना इसका मुख्य कारण पड़ोसी देश पाकिस्तान का आतंकवाद को समर्थन है
BHARAT के जम्मू कश्मीर में तो शुरू से आतंकी हमले हुए करते थे
लेकिन भारत के मुख्य शहर मुंबई में 1994 में विस्फोट और ताज होटल पर हुए हमलों ने सभी देशवासियों को आतंकवादी क्रुरता से परिचय कराया।
इसके बाद दिल्ली में सीरियल विस्फोट , संसद भवन पर हमला , गुरदासपुर के दीनानगर में हुआ आतंकी हमला, वाराणसी के मंदिर पर हमला, 2016 पठानकोट पर हमला , ऐसे कई हमलों में सैकड़ों सैनिक और निर्दोष लोगो की जानें गई है।
आतंकवाद का समाधान :
आतंकवाद पर निबंध –
TERRESIOM/आतंकवाद की समस्या का सही समाधान यही हो सकता है कि जिन कारणों से इसमें निरंतर वृद्धि जारी है उनको दूर करने का प्रयास किया जाए
इसके लिए पिछले इलाको के युवक युवतियां को रोजगार मुहैया कराना चाहिए ताकि वह किसी भी मजबूरी में आकर किसी भी अनुचित गतिविधि के शामिल न हो।
भारत के कुछ इलाकों में लोग अपने हक के लिए भी नक्सलवाद का सहारा ले रहे है,
ऐसे इलाको की पहचान कर उनकी समस्या का समाधान करके उनको उनका अधिकार प्रदान कराना उचित होगा।
जम्मू कश्मीर में आतंकवाद की समस्या का समाधान के लिए भारत सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए और पाकिस्तानी घुसपैठ को रोकना चाहिए
आतंकवाद विश्व की समस्या :
आतंकवाद केवल भारत की नही पूरे विश्व की समस्या है, अमेरिका में 2002 में हुआ आतंकी हमला पूरी दुनिया को आज भी याद है।
TERRERIST/आतंकवादियों ने देशों के कोने कोने में अपना नेटवर्क स्थापित कर लिया है,
जिसका प्रयोग वो दुनिया में हिंसा और डर फैलाने के लिए कर रहा है
अमेरिका , फ्रांस, भारत, श्रीलंका, नेपाल, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, सभी देशों में आतंकवाद की घटनाएं होती रहती है
इस समस्या से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय की भी आवश्यकता है
सभी देशों को मिलकर एक व्यापक रणनीति बनानी चाहिए,
संयुक्त राष्ट्र संघ और इंटरपोल को भी इसके महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।
आतंकवाद पर निबंध
निष्कर्ष :
कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है कि आतंकवाद पर कार्यवाही वर्तमान समय की मांग है
जो भारत ही नहीं पूरे विश्व की जरूरत है। विश्व को इस और ध्यान देना चाहिए और
आतंकवाद के शुरुवाती और जन्म देने वाले कारकों को सुधार के प्रयास करने चाहिए।
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