हिंदी भाषा बोलने वाले राज्य कोन – कोन से है।
हिंदी भाषा बोलने वाले राज्य : इस पोस्ट में जानेंगे कि – संविधान में हिंदी भाषा को क्या दर्जा दिया गया है ,
कितने राज्यो ने हिंदी को आधिकारिक भाषा के तौर पर अपना रखा है ,
हिंदी भाषा बोलने वाले कितने राज्य है , कितने प्रतिशत लोग भारत में हिंदी भाषा को बोलते और समझते है।
सबसे पहले में आपको ये बता देना चाहता हूं कि हिंदी अधिकतर उत्तर भारत के राज्यो में बोली जाती है
और क्षेत्रीय स्तर पर उनकी बोली अलग है, जैसे – भोजपुरी , अवधी, ब्रजभाषा, खड़ी बोली आदि।
सभी लोगो को समझने में आसानी हो इसलिए में आपको भाषा और बोली में एक Basic difference बता देता हूं।
भाषा क्या होती है : ( हिंदी भाषा बोलने वाले राज्य )
भाषा : एक बड़े स्तर पर प्रयोग (बोली) में लाई जाती है, भाषा की अपनी एक लिपि होती है जिसमें उसे लिखा जाता है।
बोली क्या होती है ( हिंदी भाषा बोलने वाले राज्य )
बोली: भाषा का ही एक हिस्सा होती है जो राज्य या क्षेत्रीय स्तर पर बोली जाती है, बोली कि अपनी कोई लिपि नहीं होती है वह भाषा की लिपि में ही लिखी जाती है।
कई बार ऐसा होता है कि लिखा हिंदी में होता है लेकिन बोलते वक़्त क्षेत्रीय बोली का उच्चारण किया जाता है
जैसे : खड़ी बोली (हरियाणा)
दूसरी तरफ कई बार ये देखने को मिलता है कि बोली को जैसे बोला जाता है वैसे ही लिखा भी जाता है
लेकिन लिपि भाषा की ही इस्तेमाल की जाती है जैसे : भोजपुरी।
संविधान ने हिंदी को क्या दर्जा दे रखा है:
देश की आजादी के बाद जब संविधान बनाया गया तो भाग 17 के अनुच्छेद 343 से लेकर 351 में राजभाषा के बारे में बताया गया है।
संविधान में भाषा को 4 शीर्षकों में विभाजित किया गया है :
संघ (केंद्र) कि भाषाएं , राज्य या क्षेत्रीय भाषाएं , न्यायपालिका और विधि के पाठ व अन्य विशेष निर्देशों की भाषा।
संघ (भारत सरकार ) की भाषाएं : देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली हिंदी भारतीय संघ की भाषा है,
लेकिन साथ ही लिखा है संघ द्वारा आधिकारिक रूप से प्रयोग संख्याओं का रूप अंतरराष्ट्रीय होगा।
इसका मतलब है संख्याओं में १,२,३,४ कि जगह पर 1,2,3,4 का प्रयोग किया जाएगा।
संघ की भाषा के रूप में हिंदी के साथ अंग्रेजी को उन कामों के रूप में जिनमें अंग्रेजी पहले इस्तेमाल होती थी –
15 वर्ष तक प्रयोग कि अनुमति दी गई
और साथ में ये भी लिखा गया कि बाद में भी इसका प्रयोग जरूरत पड़ने पर जारी रखा जा सकता है।
राज्यो कि भाषाएं :
संविधान में लिखा गया है :
किसी भी राज्य की विधायिका उस राज्य के लिए एक या उससे अधिक भाषा अथवा हिंदी का चुनाव सकती है,
जब तक यह नहीं होगा तब तक राज्य की भाषा अंग्रेजी होगी।
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कितने राज्यो ने आधिकारिक रूप से हिन्दी को अपना रखा है :
पहले 10 वर्तमान में 11 राज्यो ने हिंदी को आधिकारिक रूप से अपना रखा है
जिनके नाम है : उत्तरप्रदेश , हिमाचल प्रदेश , मध्यप्रदेश , बिहार , हरियाणा ,
उत्तराखंड , राजस्थान , छत्तीसगढ़ , झारखंड और गुजरात (जिसने गुजराती और हिंदी दोनों को अपनाया) ,
दिल्ली जब राज्य बना तो उसने भी हिंदी को अपने राज्य की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया।
भारत के कितने लोग हिंदी भाषा बोलते है :
2011 के भाषाई आंकड़ों के अनुसार 43.63 प्रतिशत लोगों ने बताया कि उनकी मातृ भाषा हिन्दी है।
इसके अलावा भारत की एक बड़ी आबादी है जिसकी पहली भाषा तो हिंदी नहीं है
लेकिन दूसरी भाषा के तौर पर वो लोग हिंदी को बोलना पसंद करते है इनकी संख्या लगभग 14 करोड़ है।
हिंदी को तीसरी भाषा के तौर पर प्रयोग और पसंद करने वाले लोगो की संख्या लगभग 2 करोड़ 40 लाख है।
हिंदी भाषा बोलने वालों की कुल संख्या :
यदि मातृ भाषा और दूसरे और तीसरे स्तर पर हिंदी बोलने और पसंद करने वालो कि कुल संख्या कि बात करे
तो लगभग 69 करोड़ 13 लाख से भी अधिक संख्या है , यह भारत की आबादी का लगभग 57.09 प्रतिशत है।
NOTE : हमने भाषा के भारत सरकार के आधिकारिक आंकड़े 2011 का इस्तेमाल किया है
नए आंकड़े उसके बाद अभी नहीं आए है । (आंकड़े प्रत्येक 10 वर्ष बाद लिए जाते है )
FACT : हिंदी भारत कि भाषाओं पर राज करने वाली राजभाषा है , हिंदी “इंडो यूरोपियन” परिवार की मुख्य भाषा है ।
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