कर्म करो फल की इच्छा मत करो photo source - twitter Iskcon aclord Krishna and Arjun

कर्मयोग (गीता) :

कर्म करो फल की इच्छा मत करो – नमस्कार दोस्तो “हरे कृष्णा” 

इस पोस्ट में हम जानेंगे कि भगवान श्री कृष्ण ने ऐसा क्यों कहा है कि कर्म करो फल की इच्छा मत करो।

दोस्तो भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत के युद्ध के पहले दिन अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था,

यह ज्ञान दिए हुए 5000 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है।

अर्जुन ने भगवान से पूछा कि मुक्ति के लिए क्या सही है – “अपने कर्मो का परित्याग या फिर भक्ति के साथ कर्म करना।”

गीता के अध्याय – कर्मयोग के श्लोक संख्या 2 में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है

मुक्ति के लिए तो कर्म का परित्याग तथा भक्ति में कर्म दोनों ही उत्तम है, किंतु इन दोनों में से कर्म के परित्याग से भक्ति युक्त कर्म श्रेष्ठ है।

कर्म का त्याग और भक्ति के साथ कर्म में अंतर :

कर्म परित्याग और भक्तिमय कर्म में गीता में अंतर बताया गया है –

यानी आप यदि यह सोचकर कर्म करना ही बंद कर दें कि सब कुछ मोह माया है और अब आप कोई कर्म ही नहीं करें,

इसे श्री कृष्ण ने उतना अच्छा नहीं माना है,

उन्होंने भक्तिमय कर्म को उत्तम माना है भक्ति में कर्म का तात्पर्य है –

श्रीकृष्ण की भक्ति में रहकर कर्म करना यह मानकर कर्म करना कि फल देने वाले ईश्वर हैं मैं तो बस अपना प्रतिदिन कर्म कर रहा हूं।

कर्म करो फल की इच्छा मत करो :

भगवान ने ऐसा इसलिए दर्शाया है –

क्योंकि जो व्यक्ति यह सोचकर कर्म करता है कि उसका उसको कुछ भौतिक रूपी फल मिलेगा

तो फल नहीं मिलने पर वह व्यक्ति दुखी वह निराश हो जाता है और उस फल की इच्छा में बंधा भी रहता है,

इसलिए यह कहा जाता है कि कर्म करो फल की इच्छा मत करो,

कर्म का फल न मिलने पर कभी निराशा नहीं होगी तब आपको उस बंधन से भी मुक्ति मिल जाती है

फल की इच्छा व्यक्ति की आत्मा को सदैव बांधे रहती है

अगर व्यक्ति के द्वारा किए गए कर्म का फल उसे न मिले तो उसका मन हमेशा विचलित रहता है

इसलिए जब भी हम कोई कर्म करें तो इस तरह से मन को बनाए रखें कि देने वाला तो ईश्वर है मैं बस कार्य कर रहा हूं।

“जिससे मनुष्य को इस जन्म में भी सुखद अनुभव मिलता है और जिससे आत्मा को जीवन मृत्यु चक्र से मुक्ति मिल सकती है”।

यह भी पढ़ें – मंदिर में दर्शन के बाद कुछ देर क्यों बैठा जाता है | Why people sit in temple

कर्मयोग :

भगवान ने कहा है कि आप अपने जीवन निर्वाह के लिए और जिस कार्य को करने के लिए आपको भेजा गया है वह कार्य कीजिए

किंतु यदि आप चाहते हैं कि आपको इस जीवन मृत्यु से मुक्ति मिले

तो आप अपने कर्मों का फल मुझे अर्पित करते रहिए और मेरे बताए हुए मार्ग पर चलिए।

श्री कृष्ण यहां पर जिस फल की मुख्य रूप से बात कर रहे हैं

आपके पुण्य अच्छे और बुरे कर्म जैसे कि आप यज्ञ (हवन) करते हैं उसका फल मुझे अर्पित कीजिए.

आप दान करते हैं आप उसका फल भी श्री कृष्ण को अर्पित कीजिए

आपसे जाने अनजाने में कुछ गलत हो जाता है आप वह भी श्री कृष्ण को अर्पित कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें – आरती क्या है | आरती कैसे करनी चाहिए | Aarti kya hai

यह भी पढ़े :  भगवान श्री कृष्ण की परा तथा अपरा शक्ति क्या है ? What is pra and apra power of lord Krishna ?

कर्म करो फल की इच्छा मत करो :

कर्म के फल के विषय में जो मेरी निजी राय है

वह यह है कि श्री कृष्ण को आपके भौतिक साधनों की आवश्यकता नहीं है

सब कुछ तो उन्हीं का है आप कर्म करते हैं , धन कमाते हैं ,

आप ही उसका भोग भी करेंगे जरूरत भी आपको ही है.

भगवान श्रीकृष्ण तो केवल आपको मुक्ति का मार्ग बता रहे हैं

वह बता रहे हैं कि आप जो अच्छे और बुरे कर्म करते हैं उनका फल भगवान श्री कृष्ण को अर्पित कीजिए

और उनकी भक्ति में रहकर सारे कर्म कीजिए।

आपके प्रति दिन कर्म या जीवन निर्वाह के लिए जरूरी कर्म का त्याग और ना ही उसके फल के त्याग के बारे में श्री कृष्ण ने ऐसा कहा है .

अगर आप पूरी गीता पढ़े तो इन बातों के और भी तात्पर्य निकाल सकते हैं।

(क्योंकि बाकी जगह पर मुक्ति के लिए और भी मार्ग बताए गए है)

यहां मैंने वही बताया सामान्य रूप से समझ आ रहे हैं।

यही बात है जिसको लोग इस तरह बताते हैं कि कर्म करो फल की इच्छा मत करो।

( आपकी राय मेरी राय से अलग भी हो सकती है ,

यदि मेरे समझाने के तरीके में या तात्पर्य/ राय में कोई गलती हुई है तो मैं उसके लिए आपसे और श्री कृष्ण क्षमा चाहता हूं )

PLS SUBSCRIBE OUR YOUTUBE CHANNEL –https://www.youtube.com/channel/UCViHj7ssYdB_qeiKvyvNDTg

 

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 3.5 / 5. Vote count: 2

No votes so far! Be the first to rate this post.

As you found this post useful...

Follow us on social media!

We are sorry that this post was not useful for you!

Let us improve this post!

Tell us how we can improve this post?