Return on equity/ R.O.E
What is Equity :
(Return on equity/ R.O.E) यदि आप खुद अपना पैसा लगा रहे है या किसी को अपनी कंपनी में हिस्सेदारी बेचकर उसका पैसा लगवा रहे है तो वह पैसा equity कहलाता है।
और यदि कंपनी में पैसा लोन लेकर या कर्जा लेकर लगाया गया हो तो वह debt कहलाता है।
Return on equity/ R.O.E :
एक साल पहले बिजनेस में कितना पैसा लगाया गया था , और साल पूरा होने के बाद आपने उस पैसे पर कितना पैसा कमाया ये return on equity कहलाता है।
Example – आज एक व्यक्ति ने 100 रूपए का निवेश करके किताब बेचने का काम शुरू किया।
100 रूपए में उसने 2 किताबे खरीदी और उसने एक दिन में वो किताबे 100 रूपए प्रति किताब के मूल्य पर कुल 200 रूपए की बेच दी,
यहां पर return on equity 100 % हुआ।
(यह ध्यान रखें – इसमें प्रॉफिट मार्जिन 50 % है )
प्रॉफिट मार्जिन वस्तु पर लिया जा रहा लाभ होता है।
Return on equity में पूरे साल के व्यापार पर जो लाभ हुआ उसका प्रतिशत दिखाई देता है।
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Return on equity/ R.O.E :
Roe जितना ज्यादा हो उतना अच्छा होता है लेकिन यह भी देखना चाहिए कि roe को कर्जा (debt) लेकर तो बढ़ाया नहीं गया है।
क्योंकि बैंक से कम ब्याज दर पर कर्ज लेकर और उसका केवल ब्याज चुकाकर roe को ज्यादा दिखाया जा सकता है।
जैसे कि :
case 1 = equity money 100
Debt. Money 0
Net profit. 20
Total money. 120
तो r o e. 20 % होगा
क्योंकि यहां पर हमने 100 रूपए के निवेश पर 20 रूपए का लाभ किया है ।
Case 2 = इसमें हम 50 % equity और 50 % debt 12 % की दर पर इसमें profit उतना ही 20 होगा तब :
Equity money. – 50 रूपए
Debt (int. 12 %) – 50 रूपए
Net profit. – 14 रूपए (ब्याज देने के बाद )
इसमें Roe – 28 प्रतिशत होगा।
क्योंकि यहां पर कंपनी के 50 रूपए पर 10 रूपए कमाए गए और बैंक से लिए 50 रूपए पर भी 10 रूपए कमाए गए और बैंक को उसके 50 रूपए से कमाए गए 10 रूपए के बदले ब्याज के रूप में केवल 6 रूपए दिए गए। ( कर्जा बरकरार है )
इसलिए आपको किसी भी कंपनी के केवल roe ही नहीं देखना है ये भी देखना है कि कंपनी पर कर्जा कम से कम हो।
Note : बैंक के मामले में कर्जा ना देखें क्योंकि उसका यही व्यापार है।
सामान्य तौर पर यदि 20 % का roe अच्छा माना जाता है।
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R.O.C.E क्या है :
इसका पूरा नाम return of capital employed होता है। कंपनी में लगे पैसे के दो हिस्से होते है ।
1. Equity 2. Debt/loan etc.
R.o.c.e : इसमें किसी भी तरह से जो पैसा कंपनी में आया हो चाहे वो कर्जे का हो या शेयरधारक का हो उस पर कंपनी कितना कमा रही है यह देखा जाता है।
(R.o.e इसमें केवल वही पैसा देखा जाता है जो आपका या आपके द्वारा बेची गई हिस्सेदारी से आया हो।)
शेयर धारक के पैसे पर जो return मिलता है वह R.O.E कहलाता है।
जब भी किसी कंपनी पर कर्जा ना हो तो हमे R.O.E देखना चाहिए, लेकिन यदि कंपनी पर कर्जा है तो हमें R.O.C.E देखना चाहिए
R.o.c.e operating profit से भाग देने पर निकाला जाता है।
जबकि R.o.e net profit से equity का भाग देने पर निकाला जाता हैं।
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