मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव – मणिपुर हिंसा पर संसद में जारी सियासी संग्राम इतना आगे बढ़ गया है
कि विपक्षी दलों ने मोदी सरकार के खिलाफ बुधवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जिसे स्वीकार कर लिया गया
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकृति दी।
विपक्ष का कहना है कि मोदी सरकार मणिपुर हिंसा पर चर्चे से भाग रही है इसलिए मजबूरी में विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा है
इस हफ्ते अविश्वास प्रस्ताव पर इस बहस होगी और अगले हफ्ते वोट डाले जाएंगे।
विपक्ष का मुख्य मकसद यह है की प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में कुछ बोले
लेकिन सरकार ने ऐसा करने से साफ मना कर दिया है।
विपक्षी दलों ने अपने सभी लोकसभा सांसदों से अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सदन में उपस्थित रहने को कहा है।
अविश्वास प्रस्ताव क्या होता है :
अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष द्वारा जब लाया जाता है जब उसे यह विश्वास हो जाता है कि सरकार अब सदन में बहुमत खो चुकी है।
सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कम से कम 50 सांसदो के उस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर होने आवश्यक है,
ये 50 सांसद किसी भी पार्टी के हो सकते है।
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अविश्वास प्रस्ताव क्यों लाया जाता है :
अविश्वास प्रस्ताव का मुख्य मकसद सरकार गिराना होता है यदि अविश्वास प्रस्ताव किसी भी तरह से पास हो जाता है तो राष्ट्रपति सरकार को बर्खास्त कर देंगे।
मुख्य रूप से विपक्ष ऐसा तभी करता है जब उसे लगे की सरकार को अब आम लोग और उसके सांसद पसंद नही कर रहे है।
इसके अलावा जब किसी देश की संसद में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आता है तो
वह दूसरे देशों में भी चर्चा का विषय बनता है जिसकी वजह से सरकार पर दवाब बढ़ जाता है।
मोदी सरकार के खिलाफ पेश हुए इस प्रस्ताव का पेश होना मुश्किल है क्योंकि लोकसभा सीटों का गणित आप देख सकते है।
मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव 2023
लोकसभा में कुल 543 सीटे है इन्हे आप 543 वोट भी कह सकते है
एक सांसद की एक वोट मानी जाती है 543 में से 5 सीटे अभी खाली है
बहुमत साबित करने के लिए सरकार को 272 वोट की आवश्यकता है
अकेले भाजपा के पास 301 सीटे / वोट है और उसके सहयोगी दलों को भी इसमें जोड़ दे तो 333 सीटे राजग के पास है
विपक्षी दलों के पास उसके नए गढ़बंधन के मुताबिक लगभग 150 सीट/ वोट है
इस तरह आंकड़ों के हिसाब से देखे तो सरकार के खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा
सरकार आसानी से बहुमत साबित कर देगी।
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